92 साल से चल रही हैं भारत की यह एसी ट्रेन, किया जाता था बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल

By: Ankur Fri, 04 Sept 2020 6:50:55

92 साल से चल रही हैं भारत की यह एसी ट्रेन, किया जाता था बर्फ की सिल्लियों का इस्तेमाल

भारत की ट्रेन सेवा के बारे में तो सभी जानते हैं कि यह बेहद रोचक इतिहास रखती हैं और देश के हर हिस्से को जोड़ने का काम करती हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं जो 92 साल पहले 1 सितंबर 1928 को शुरू की गई थी और आज भी इसकी सेवा जारी हैं। हांलाकि इसका नाम बदल दिया गया हैं। लेकिन यह ट्रेन देश की पहली एसी ट्रेन भी कहलाती हैं जिसमें यात्रियों को गर्मी से बचाने के लिए बर्फ की सिल्लियों का प्रयोग किया जाता था। हम बात कर रहे हैं फ्रंटियर मेल के बारे में। इसमें कई स्टेशनों पर पिघले हुए बर्फ का पानी निकालकर नई सिल्लियां लगाई जाती थीं। इस ट्रेन में लगा पंखा कोच के सभी कूपों में ठंडक पहुंचाता था। इस ट्रेन में साल 1934 में एसी लगाए जाने का काम शुरू हुआ और यह भारत की पहली एसी बोगी वाली ट्रेन बनी।

weird news,weird incident,frontier mail,india first ac train ,अनोखी खबर, अनोखी जानकारी, फ्रंटियर मेल, भारत की पहली एसी ट्रेन

स्वतंत्रता आंदोलन की गवाह रही फ्रंटियर मेल मुंबई से अफगान बार्डर पेशावर तक की लंबी दूरी तय करती थी। इस ट्रेन में अंग्रेज अफसरों के अलावा स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े नेता यात्रा करते थे। फ्रंटियर मेल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी यात्राएं की थीं।

साल 1928 में 1 सितंबर को फ्रंटियर मेल ने अपना सफर मुंबई के बल्लार्ड पियर मोल रेलवे स्टेशन से अफगान बार्डर पेशावर तक शुरू की थी। 1 सितंबर 2020 को इस ट्रेन के 92 साल पूरे हो गए। फ्रंटियर मेल 2335 किलोमीटर लंबी यात्रा को 72 घंटों में पूरा करती थी। इस ट्रेन क एक खासियत ये भी रही कि यह कभी देरी से नहीं चलती थी।

weird news,weird incident,frontier mail,india first ac train ,अनोखी खबर, अनोखी जानकारी, फ्रंटियर मेल, भारत की पहली एसी ट्रेन

साल 1996 में फ्रंटियर मेल का नाम बदलकर गोल्डन टेंपल मेल (स्वर्ण मंदिर मेल) कर दिया गया। आजादी से पहले चल रही ये ट्रेन मुंबई, बड़ौदा, मथुरा, दिल्ली, अमृतसर, लाहौर, से होते हुए पेशावर तक का सफर तय करती थी। अंग्रेज अधिकारियों की सुविधा के लिए इस ट्रेन को समुद्र के किनारे बने बल्लार्ड पियर मोल रेलवे स्टेशन से चलाया जाता था। लंदन से भारत आने वाले अंग्रेज अधिकारियों के जहाज के साथ ही इस ट्रेन का टिकट भी जुड़ा होता था।

भले ही उस समय इंटरनेट की सुविधा विकसित नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद भी इस ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को ताजी खबरों के बारे में अपडेट किया जाता था। इसके लिए एक मशहूर समाचार एजेंसी के साथ टेलीग्राफिक न्यूज का विशेष प्रबंध होता था।

ये भी पढ़े :

# इस गांव में हुए आकाश से पत्थरों की बरसात, इसके टुकड़ों की कीमत लाखों में, अमीर हुए लोग

# आखिर क्यों यह महिला विमान का आपातकालीन गेट खोल विंग पर लगी घूमने, कारण कर देगा हैरान

# बॉर्डर पार कर स्कूल जाते हैं यहां बच्चे, अपने पास रखना पड़ता हैं पासपोर्ट

# सिर्फ कोरोना से ठीक हुए लोग ही जा सकते है इस आइलैंड पर, वजह हैरान करने वाली

# मुंह के जरिए महिला के पेट से निकाला चार फीट लंबा सांप, आग की तरह वायरल हो रहा विडियो

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com